इस गहराई पर तापमान क्रांतिक तापमान से ऊपर होता है जो हाइड्रोजन के लिए केवल ३३ केल्विन है।
2.
यदि कार्बन-डायोक्साइड गैस को सामान्य दाब पर ही लगातार ठंडा किया जाए तब इक क्रांतिक तापमान पर यह सीधे सीधे गैसीय से ठोस अवस्था में तब्दील हो जाती है.
3.
क्रांतिक तापमान ' को पार कर जाय, तो ऐसी अवस्था में प्राप्त गैस को पर्याप्त दाब पर भी पुन: द्रव रुप में परिणत नहीं किया जा सकता, यह गैस की आदर्श अवस्था (Perfect Gas) ‘ आदर्श वायु ' होती है।